आशा जाकड़

नवरात्रि के द्वितीय दिवस पर ब्रह्मचारिणी माँ की आराधना ः


"आई हू्ँ आपके द्वार"


☺आई हूँ  आपके  द्वार। ☺
जगदम्बे  मैया  सुन लो पुकार ।।


सब बिछुड़े कोई संग न साथी
छोड़ गये मेरे अपने ही ☺साथी । 
डूबत है  अब मंझधार , 
जगदम्बे मैया सुन लो पुकार ।


मैं बेटी  अग्यान तुम्हारी☺
मैं पुत्री नादान तुम्हारी 
दे दो ग्यान वरदान , 
जगदम्बे मैया सुन लो पुकार ।


तुमसे सहायक और कहाँ  है ?
संकट हारी और कहाँ है?
जिसकी शरण में जांय , ☺
 जगदम्बे मैया सुन लो पुकार 


बीच भंवर  में  नाव हमारी 
डूब रही है नैया  हमारी  
नैया लगादो मेरी पार , ☺
जगदम्बे मैया सुन लो पुकार
   
जीवन है कष्टों का उपवन
कहीं फूल  हैं कहीं चुभन
 फूलों की कर दो बहार,☺
 जगदम्बे मैया सुन लो पुकार 


आशा जाकड़
9754969496


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