अनुरंजन कुमार "अंचल"        अररिया, बिहार

बादल आया (बाल कविता)


 


बादल आया, बादल आया
बहते हुए तो बादल आया 
नीले - नीले  आसमान  में
स्याह रंग का बादल आया।


आओ  बादल , काले  बादल
किधर - किधर जाता है बादल
कितने   आगे  ओर   जाएगा
यहां तो बरस  जाओ बादल।


बादल लगता  छाया जैसा
प्रकृति से  बना  माया जैसा
कभी कभी हम सब को लगते
बादल  में शिव  सोया जैसा ।


बादल में पानी आयेंगे
हम सब पानी में कूदेगें
हम सभी मस्ती से डूबेगें
हम सभी झूम के नाचेगें।


 अनुरंजन कुमार "अंचल"
       अररिया, बिहार


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511