😁हास्य😆
*कवित्त छंद*
दिन भर टिक टॉक,
हैलो हाय जिट जॉट|
फटे जीन्स घुटना पे,
कॉर्न सिल्क बाल है||
जिगजैग चले चाल,
माने खुद बेबी डॉल|
कोन जैसा तीखे भाल
पॉप कोर्न गाल है||
कान खजुराहो नाक,
नागफनी जैसे लगे|
कर्ण लटकाए गिरि,
होंठ सुर्ख लाल है||
गिरिवा सुराही कटि,
सेतु बंध सम लगे|
नैन कजरारे हील,
मानो नैनीताल है||
चंचल पाण्डेय 'चरित्र'
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
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