एस के कपूर "श्री* *हंस"।बरेली।

*बस प्रीत की रीत हो।*
*मुक्तक।*


न ही किसी की  हार और
नहीं किसी की जीत हो।


बस हर दिल में  बसी एक
दूजे   के  लिए  प्रीत  हो।।


सद्भावना,  स्नेह, प्रेम  की
रस धार बहे  हर  दिल  में।


स्वर्ग  सी  इस   दुनिया  में
बस यही एक ही  रीत हो।।


*रचयिता। एस के कपूर "श्री*
*हंस"।बरेली।*
मो  9897071046
      8218685464


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