राजेंद्र रायपुरी

😌 मन मोरे वो राम समायो 😌


मन   मोरे   श्रीराम   समायो।
  मूरत उनकी अति मन भायो।
    जाहि  देखि  जन सब हर्षायो,
      मन   मोरे   वो  राम  समायो।


जटा - जूट जिनके सिर सोहे।
  कमल नयन सबके मन मोहे।
    कौशल्या  ने  जिनको  जायो।
      मन   मोरे  वो  राम   समायो।


संतन  के   जो   हैं   रखवारे।
  संत  जिन्हें   लगते  हैं  प्यारे।
    हैं अनंत  तुलसी  जिन  गायो,
      मन  मोरे  वो   राम   समायो।


जिनके  प्रिय  सारे  वनवासी।
  किया गमन वन बिना उदासी।
    शबरी  के  जिन  जूठन खायो,
      मन   मोरे   वो  राम   समायो।


दूष्टन   को    जिनने    संहारा।
  रावण  को  भी  जिनने  मारा।
    सखा धरम जिन खूब निभायो,
      मन   मोरे   वो  राम   समायो।


           ।। राजेंद्र रायपुरी।।


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