कविता:-
*"कोरोना वायरस"*
"नित-दिन होता मानव भयभीत,
आ न जाये-
कोरोना जैसा-वायरस।
छीन न ले जीवन से सुख शांति,
घट रहा पल पल-
जीवन में विश्वास।
अभी तक बनी नहीं दवा,
कहते है-सभी-
सुरक्षा ही है आस।
अपनी सभ्यता पर करें आस,
तुलसी-गलोए पर-
रखे विश्वास।
इनका नित दिन करें प्रयोग,
होगे नहीं भयभीत-
सुरक्षित रहेगे आप।
अपनी सभ्यता में करें अभिवादन,
दूरी रख करे बात-
तभी सुरक्षित रहेगे आप।
नित-दिन होता मानव भयभीत,
आ न जाये-
कोरोना जैसा वायरस।।"
ः सुनील कुमार गुप्ता
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