कविता:-
*"लाँक डाउन"*
"लाँक डाउन का करो सम्मान,
जीवन है अमूल्य-
रक्षा करें इसकी हर इन्सान।
विश्व की दशा देख कर भी,
क्यों- समझ नहीं रहा-
यहाँ इन्सान।
मजाक का नहीं है-ये समय साथी,
देखो समझों और मानो बात-
घर में रहना तुम हो नहीं मेहमान।
दिशा-निर्देशों का पालन करे,
दूरी रख कर मिले-
स्वच्छता का रखे ध्यान।
रोग प्रतिरोधक शक्ति बढे़,
नित ऐसा लो आहार-
रहो सावधान।
लाँक डाउन का करो सम्मान,
जीवन है-अमूल्य-
रक्षा करें इसकी हर इन्सान।।"
ःःःःःःःःःःःःःःःःःः सुनील कुमार गुप्ता
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