🚩 🚩 आस और विश्वास 🚩🚩
है *उम्मीद* कि विपदा अपनी,
जल्दी ही टल जाएगी।
सिंह वाहिनी आने को हैं,
उससे ये घबराएगी।
*आशा* क्या विश्वास सभी को,
दुर्गा मां जब आएंगी।
कोरोना पर कर प्रहार वो,
तत्क्षण दूर भगाएंगी।
करें *भरोसा* जो माता पर,
उनका होता है कल्यान।
वही *आसरा* और *सहारा*,
हैं बंदे तू इतना जान।
*आस* लगाकर बैठे हैं सब,
मां काली जब आएंगी।
काट गला इस "कोरोना" का,
अपना हार बनाएंगी।
माॅ॑ से करें *अपेक्षा* क्यों ना,
वही जन्म देने वाली।
पालन पोषण वो हीं करती,
वो ही करती रखवाली।
।। राजेन्द्र रायपुरी।।
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