अवनीश त्रिवेदी "अभय"

मुक्तक


 


देश रहे गौरवशाली औ, नभ से ऊँचा भाल रहे।


सीमाएं भी रहे सुरक्षित, और सही हर लाल रहे।


मेहनती लोगों के घर मे, चावल, गेंहू , दाल रहे।


फसलें खेतों में लहरायें, हर आँगन खुशहाल रहे।


 


अवनीश त्रिवेदी "अभय"


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