एस के कपूर श्रीहंस

हाइकु


 


रक्षा का धागा


बिन भैना अभागा


भाग्य है जागा


 


सूत्र रक्षा का 


बंधन बंध जाता


ये बहन का


 


वचन धागा


निभाता यह भाई


बने वो भ्राता


 


पवित्र टीका


विश्वास की लकीर 


नहीं तो फीका


 


सिर्फ न धागा


स्नेह प्रेम गूँधा है


नहीं दिखावा


 


भाई निभाये


अवश्य जो बहन 


कभी बुलाये


 


है अद्धभुत


पर्व यह राखी का


वचन बद्ध


 


भाई बहन


त्याग ओ समर्पण


कर सहन


 


भाई बहना


रिश्ता अनमोल है


राखी कहना


 


रचयिता एस के कपूर श्रीहंस


बरेली।


 


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