निशा अतुल्य

रेशम की डोरी


 


स्नेह बंधन रेशम की डोरी


कलाई पर भाई के सजती


रक्षा सूत्र बांध कर बहना


हर विपदा भाई की हरती ।


 


सुख दुःख अपना साँझा करते


कोई विपदा कभी न ठहरे


सहोदर हम बाल सखा हैं


दूर रह,सँग हरपल रहते।


 


दिल के तार जुड़े ऐसे हैं


आहट हर सुख दुःख की होती


बहना को जब पड़े जरूरत


खड़ा भाई हर पल दिखता है ।


 


खुशियों का संसार वहीं है


भाई बहन का प्यार यहीं है


मन से होता मन का बंधन


इस रिश्ते का सार यही है ।


 


स्वरचित


निशा"अतुल्य"


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