प्रेमलता अवस्थी सानू

हमारे देश के दुश्मन मिट जाये तो खत लिखना। 


हमारे देश का तिरंगा फहर जाये तो खत लिखना।


झुकाकर सर मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे को तुम जाना। 


सीमा का कफन बांध कर तुम आना।


घरों की याद जो आये तो तुम खत लिखना।


हमारे देश के दुश्मन................


 यहाँ पे मौत के किस्से तुम्हें दुश्मन सुनायेगें। 


तुम्हारें लिये लोरी वतन के लोग गायेगें। 


तुम्हारें मन को लोरी भाये वतन को खत तुम लिखना। 


हमारे देश के दुश्मन......... 


 अमन शान्ति समृद्धि का ज्ञान देकर तुम आना। 


दुश्मनों से सुरक्षित करके भारत माँ को तुम आना। 


कहें 'सानू' की बात याद करके खत लिखना। 


हमारे देश के दुश्मन.........


हमारे देश का तिरंगा........... 


 


        प्रेमलता अवस्थी 'सानू '


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511