न जाना मुझे छोड़ करके बहाना।
किया था जो' वादा सनम तुम निभाना।
सहारा न कोई तुम्हारे सिवा है,
पड़ेगा मुझे क्या तुम्हें ये बताना।
नहीं जी सकूॅ॑गी तुम्हारे बिना मैं,
सदा याद रखना इसे मत भुलाना।
तुम्ही चाॅ॑द मेरे तुम्हीं तो हो' सूरज,
तुम्हारे बिना तो न कुछ भी ज़माना।
बसाया नज़र में मुझे ये सही है,
मगर अब न नज़रों से मुझको गिराना।
ख़ुदा की कसम तुम ख़ुदा ही हो' मेरे,
गुज़ारिश यही हर बला से बचाना।
नहीं और ख़्वाहिश ख़ुदा की कसम है,
सिवा ये जनाज़े को कंधा लगाना।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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