संजय जैन

सोच बदल गई है


 


लड़का हो या लड़की, 


दोनों एक समान है।


हर काम करने लगी, 


आजकल की लड़कियां।


इसलिए तो लोगों की,


अब सोच बदल रही ।


और लड़की के जन्म पर, 


अब खुशियां मनाने लगे।।


 


लड़को से बढ़कर आजकल,


लड़कियां निकल रही।


समाज को आईना,


अब लड़कियां दिखा रही।


इसलिए तो मां बाप को, 


अब लड़कियां भा रही।


और कोक में अब इनकी 


हत्याएं कम हो रही।।


 


मोती अगर लड़का है तो,


हीरा है लड़कियां।


लड़के से ज्यादा भरोसे मंद,


है आजकल की लड़कीयां।


इसलिए समाज को दर्पण,


दिखा रही है लड़कियां।


दो दो जिम्मेदारियां,


उठती है लड़कीयां।।


 


एक घर की वो लक्ष्मी है,


तो दूसरे घर की वो सीता।अगर विपत्ति आये तो,


दुर्गा बन जाती है लड़कियाँ।


घर को मुसीबतों से, 


बचा लेती है लड़कियां।


स्नेह प्यार के रिश्ते भी,


खूब निभाती है लड़कियां।।


लड़का हो या लड़की, 


दोनों एक समान है।


हर काम करने लगी, 


आजकल की लड़कियां।।


 


जय जिनेन्द्र देव की


संजय जैन (मुम्बई)


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