डॉ0 निर्मला शर्मा दौसा राजस्थान

मनभावनी भोर


पक्षियां रो कलरव गूँजे चहुँ ओर


हुई प्यारी सुहानी मनभावनी भोर


देखकर या वातावरण सुहानों


मनड़ो हर्षावै नाचै जाइयाँ मोर


बावळो मतवाळो मचावै शोर


सूरज री किरणां सूं दमक्यो


सोनों सो सुहानों जगत दीखै


उजळी सी आवै सुहानी भोर


लागै कोई बाळक आँख्यां मीचे


हुयो सवेरो रुक्यो न रात रो असर


देवै संदेशो नयो जागो बीतयो प्रहर


डॉ0 निर्मला शर्मा


दौसा राजस्थान


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511