😊आल्हा छंद पर एक वंदना 😊
कृपा करो कुछ मातु शारदे,
साथ अभी मेरा परिवार।
बहुत दूर से आया माता,
दर्शन हो जाए इस बार।
भूख प्यास से व्याकुल सारे,
बच्चे कुछ मेरे बीमार।
देख रहा हूॅ॑ मातु यहाॅ॑ तो,
लम्बी-लम्बी लगी कतार।
धूप तेज है छाॅ॑व नहीं है,
लू के जैसे बहे बयार।
तर-तर तर-तर बहे पसीना,
जैसे हो नदिया की धार।
निकल न पाऊॅ॑ आगे माता,
यहाॅ॑-वहाॅ॑ होती तक़रार।
धक्का-मुक्की बहुत हो रही,
गश खा अभी गिरे दो चार।
माथ नवाऊॅ॑ माता तुमको,
और हृदय से करूॅ॑ पुकार।
नैया मेरी बीच भॅ॑वर में,
माता इसे लगाओ पार।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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