राजेंद्र रायपुरी

😊😊 एक वंदना 😊😊


 


वंदना तेरी करूॅ॑ प्रभु, 


           दीन पर कुछ ध्यान दे।


माॅ॑गता मैं धन न दौलत,


              हे दयानिधि ज्ञान दे।


ज्ञान दे प्रभु पा जिसे मैं,


              राह अपनी पा सकूॅ॑।


है नदी जीवन अगर तो,


              पार उसके जा सकूॅ॑।


 


दीनबंधू तू दयालु, 


                 दीन द्वारे है खड़ा।


है नहीं कोई सहारा,


                मैं शरण तेरी पड़ा।


जो विनय तुझसे किया है,


                  तू उसे संज्ञान ले।


और मागूॅ॑ कुछ नहीं प्रभु,


               तू मुझे बस ज्ञान दे।


 


          ।। राजेंद्र रायपुरी।।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511