सीमा शुक्ला अयोध्या

बना रहे हर भाई बहना के मन प्रेम अपार।


याद दिलाने पावन रिश्ता आया यह त्योहार।


   बहन सजाती परिमल माथे


   भाई के निज हाथो से।


   सबसे पावन बंधन होता,


   यह हर रिश्ते नातों से।


भाई रक्षा करें बहन बस यह मांगे उपहार।


याद दिलाने पावन रिश्ता आया यह त्योहार।


    करती बहना नित्य कामना


    भैया बस खुशहाल रहें।


    रहें मधुर मुस्कान अधर पर


    तेज चमकता भाल रहे।


तन मन पुलकित रहे हमेशा सुखद रहे परिवार।


याद दिलाने पावन रिश्ता आया यह त्योहार।


     आज कहूं मैं हर भाई से।


     तुम सचमुच भाई बन जाओ।


     भले बहन हो और किसी की


     प्रण लो उसकी लाज बचाओ।


हर भाई से आज निवेदन बहन न हो लाचार।


याद दिलाने पावन रिश्ता आया यह त्योहार।


 


सीमा शुक्ला अयोध्या


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511