राजेंद्र रायपुरी

 😊  विनती नये वर्ष से  😊


लगी उम्मीद जो  तुमसे,

  उसे तुम तोड़ मत देना।

    भरी कुछ है खुशी झोली,

      उसे तुम  छोड़ मत देना।


नये ओ  वर्ष तुमसे  बस,

  यही   विनती  हमारी  है।

    बढ़े  मत  दूर अब  ये हो,

      जकड़ी  जो  बीमारी   है।


सताया   खूब   ही   इसने,

  करोना   नाम  है  जिसका।

    जमाया   पैर   इसने    जो,

      अभी तक है कहाॅ॑ खिसका।


चले  आओ न  दुख लाओ,

  दुखों  की   पीर  भारी   है।

    नये  ओ   वर्ष   तुमसे  बस,

      यही   विनती   हमारी    है।


             ।। राजेंद्र रायपुरी।।

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