डॉ.रामकुमार चतुर्वेदी

*राम बाण🏹चमचों का कानून*

चमचों का कानून हो,निर्णय आप सुनाय।
चमचे दोनों पक्ष सुन,बैर नहीं उपजाय।।

चमचे  करते  पैरवी, चमचे रखते पक्ष।
 चमचे तथ्य सबूत को, माने सच्चा दक्ष।।

मकान बिकने से बचे,बचता दीन ईमान।
देंगे चमचे न्याय तो,मिल जाये सम्मान।। 

समझौता  कानून का, देता  नेक  सलाह।
कोई बैर रखे नहीं , चमचों की  है चाह।।
 
चक्कर खाना कोर्ट  के, बच  जायेंगे लोग।
चमचों के कानून से,  मिट जायेंगे रोग।। 

चिंता कारण रोग का,चमचे करें निदान।
पले रोग अन्याय के, मिट जाते श्रीमान।।


चमचे जैसे कोर्ट में,  होगा नहीं वकील।
जज वकील होंगे नहीं,होगी नहीं दलील।।

  चमचे कोर्ट अपील में, पूरी करते  जाँच।
चक्कर खाने से  बचें,  चमचे  करें उवाच।।

सुप्रिम, हाईकोर्ट  में ,  नहीं  चलेंगे  केस।
चमचे  अपने न्याय  से, बदल रहे हैं देश।।

ढूँढे  केस  वकील फिर, तारीख रखे कौन।
चमचों के इस न्याय से, सत्ता  होगी मौन।।

*डॉ.रामकुमार चतुर्वेदी*

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