👨👩👧👦-परिवार-👩👩👧👦
हो आशियाना जब एक छत के नीचे,
स्नेहिल अपनापन एक दूजे को खीचे,
हो खाना-पीना एक साथ ही जीना,
काम-धंधे में बहे जब सब का पसीना,
एक दूजे के प्रति हो जब सब की निष्ठा,
एक दूजे की समझें अपनी प्रतिस्ठा,
एक दूजे के प्रति हो सबकी आशा,
यही एक सच्चे परिवार की परिभाषा।।
परिवार-----परिवार-----परिवार,
परिवार के होते तीन प्रकार।
एकल परिवार संयुक्त परिवार,
तीजा नाम मात्र संयुक्त परिवार।
शिर्फ मियाँ-बीबी बच्चों का परिवार,
भइया-भाभी दादा-दादी से ना हो दरकार,
ऐसा संकुचित जो हो घर संसार,
है कहलाता वह एकल परिवार,
मीयाँ-बीवी दादा-दादी भईया-भाभी --,
का भी हो जिसमें उर से दरकार,
सबका हो जब सबसे स्नेहिल प्यार,
है कहलाता वह सच्चा व संयुक्त परिवार।
अलग-थलग घर-छत में हैं रहते,
अलग-अलग रसोईं का है भोजन करते,
शादी विवाह जैसे शुभ,अशुभ मौकों पर,
छड़िक एकजुट समय पर हैं होते रहते,
ऐसे मौकों पर साथ में रहते दिनों दो चार,
है वह कहलाता नाममात्र संयुक्त परिवार।
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कलमकार- " विजय मेहंदी " (कविहृदय शिक्षक)
कन्या कम्पोजिट विद्यालय शुदनीपुर,मड़ियाहूँ,जौनपुर,(यूपी)🙏
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