ज्योति तिवारी बैंगलोर

जीवन में शब्दों ‌का व्यापक है मोल
जो कुछ मुख से बोलिए पहले लीजे तोल

नीरस मन से जग में
होवे ना कोई काज
प्रफुल्लित उर विकसित करें
सुंदर सभ्य समाज

बड़ी विवशता  उर में
कैसे उन्हें बताएं
मुख दर्पण वर्णन करें
मन में जो है समाए।।

सुप्रभात🙏🏻🌹

ज्योति तिवारी बैंगलोर

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