रामबाबू शर्मा राजस्थानी

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            महारानी लक्ष्मीबाई 
            *बलिदान दिवस*
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                   कविता
        आन-बान-शान मतवाली,
        बचपन से बडी होशियार।
        स्वतंत्रता की अलख जगा,
        लड़ने को रहती तैयार।।

        नाना की मुहबोली बहन,
        लक्ष्मी नाम,संतान अकेली।
        खेल-खेल में ही सीखकर,
        कृपाणों की बनी सहेली।।

        वीर शिवाजी की गाथाएं,
        देश भक्ति का रंग भर जाती।
        उस वीर सिंहनी के आगे,
        दुश्मन चाल चल नहीं पाती।।

        आँखों की देख लालिमा,
        अंग्रेजी सेना घबराती।
        चलती जब भी महारानी,
        दुश्मन की छाती फट जाती।।

       अठारह जून बलिदान दिवस,
       महिमा उसकी घर-घर छाई।
       कर जोड़ नमन  है हमारा,
       जय हो तेरी लक्ष्मीबाई।।

       ©®
         रामबाबू शर्मा,राजस्थानी,दौसा(राज.)

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