जागो जागो मेरे भारतवासी
भारत के सभ्यता और संस्कृति को
हम सब भूल रहे है
तो कोरोना वायरस से
हमे रोना ही पड़ेगा
लगा सको तो बड़ पीपल का
पेड़ लगा लो
गुलाब का फूल लगाने से
पर्यावरण क्या बदलेगा
तुलसी का बाग लगा कर देखो
कोरोना वायरस को
दुम दबाकर,भागना ही पड़ेगा
स्वर्ग से सुंदर,
देश है मेरा भारत
विदेशो में रहने से
तुम्हे क्या, सुख मिलेगा
विटामिनो से भरपूर है
भारतीय व्यंजन
विदेशो का मीठा जहर क्यों
तुम पी रहे हो
भारतीय सभ्यता और संस्कृति को
हम सब भूल रहे है
तो कोरोना वायरस से
हमे रोना ही पड़ेगा
विदेशी कंपनी चाहते है
भारत में दवा चलती रहे
लोग बीमारी में पलता रहे
सुख चैन और शांति के लिये
हमारे शरण में,पड़ा रहे
जागो जागो मेरे भारत वासी
मेरे भारत के भुइयां को चंदन कहव
भारतीय सभ्यता और संस्कृति को
हम सब भूल रहे है
तो कोरोना वायरस से
हमे रोना ही पड़ेगा
नूतन लाल साहू
"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
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