डाॅ. सीमा श्रीवास्तव

मुक्तक 


 


जब कवि की करुणा से आह निकलता है 


तब लोगों के मुंह से वाह 


निकलती है ।


समस्याएं कितनी ही कठिन क्यों न हो।


मिल बैठ कर सुलझाने से राह 


निकलता है। 


      डाॅ. सीमा श्रीवास्तव


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