अंजना कण्डवाल नैना' 'नारी तेरे रूप अनेक'

 


अंजना कण्डवाल *'नैना'*


'नारी तेरे रूप अनेक'*


नारी एक माँ है तो,
नारी ममता का बिम्ब।
नारी अगर भार्या है तो,
नारी है आलम्ब।।


नारी एक बेटी है तो,
नारी है अभिमान।
नारी के हर रूप का,
करो नित सम्मान।।


नारी बिन घर आँगन सुना,
करो न तुम परिहास।
है सखी अगर नारी तो,
नारी है विश्वास।।


नारी है स्नेह अगर तो,
नारी भगनि का रूप।
नारी अगर गुरु है तुम्हारी,
तो है वो ज्योति स्वरूप।।



©®अंजना कण्डवाल *'नैना'*


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