अवनीश त्रिवेदी "अभय" हंसगति छंद हे!  बसंत  ऋतुराज

अवनीश त्रिवेदी "अभय"


हंसगति छंद


हे!  बसंत  ऋतुराज,  तुम्हें  नमन  हैं।
अभिनन्दन हैं आज, महका चमन हैं।
पीले   सरसों   फूल,  लुभाते  मन  हैं।
शोभा निरखि समूल, खुश हुये जन हैं।


अवनीश त्रिवेदी "अभय"


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