एस के कपूर श्री हंस बरेली। सच कभी छुपता नहीं है।

एस के कपूर श्री हंस*
*बरेली।


सच कभी छुपता नहीं है।।।।*
*।।।।।।।।मुक्तक।।।।।।।।।।।*


आईना  भी   धोखे   में   कि
चेहरे पर चेहरे लगा   रखे हैं।


सच के   बंद   दरवाजों   पर
झूठ के पहरे    लगा रखे  हैं।।


अमन चुप  है   इन्तिज़ार   में
वक़्त   के  मरहम   के  लिए।


लेकिन जख्म छिपते नहीं जो
सीने पर  गहरे  लगा   रखे  हैं।।


*रचयिता।।।एस के कपूर श्री हंस*
*बरेली।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।*
मोब  9897071046।।।।।।।।।
8218685464।।।।।।।।।।।।।।


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...