एस के कपूर श्री हंस पुरुषार्थ में ही निहित सफलता की कुंजी

एस के कपूर श्री हंस


पुरुषार्थ में ही निहित सफलता की कुंजी।।।।।।।।।।।।।।।।।।।*
*।।।।।।।।मुक्तक।।।।।।।।।*


इन  आँखों  ने  लोगों   को
इतिहास   बनते  देखा  है।


अपने  पुरुषार्थ  से सफल
बेहिसाब   बनते  देखा  है।।


मंजिल  आँखों  से ओझल
देखा    है    उसको   पाते।


मामूली  से  उठ कर  ऊपर
उनको खास बनते देखा है।।


*रचयिता।।एस के कपूर श्री*
*हंस।।।।।।बरेली।।।।।।।।।*


मोब 9897071046  ।।।।।।
8218685464।।।।।।।।।।।।


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