कालिका प्रसाद सेमवाल अपना मुझे बना लो राम


कालिका प्रसाद सेमवाल
अपना मुझे बना लो राम
दीन बंधु हो, दया सिन्धु हो,
भक्तो के रक्षक हो राम।
युगों युगों से अखिल विश्व के,
तुम ही संचालन हो राम।
मर्यादा पुरुषोत्तम तुम ही हो,
जन-जन के तुम प्राणाधार।
भक्ति शील सौंदर्य खान तुम,
तुम ही तो प्रभु करूणाधार  हो।
हनुमानजी परम कृतार्थ हो गये,
नाथ तुम्हारी सेवा कर।
तब पूजन -अर्चन करने को,
सुर नर मुनि रहते तत्पर।
होगा तभी सार्थक नर-तन,
जब मुझको अपना लो राम।
करता हूं सर्वस्व समर्पित,
अपना मुझे बना लो राम।
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कालिका प्रसाद सेमवाल


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