कबीर ऋषि सिद्धार्थी बदनाम, नादानियों  ने  बदनाम  कर दिया  हमें

 


कबीर ऋषि सिद्धार्थी


बदनाम★
नादानियों  ने  बदनाम  कर दिया  हमें
वरना  इतने   बुरे  भी   नहीं  थे   हम।


नाम तो   बहुत  होगा  ठुकरा   दिया है
तो      बदनाम   भी     बहुत      होगा।


वो रिश्तों  को  अब नाम देना  चाहते हैं
सच कहें  तो बदनाम  करना  चाहते हैं।


काश! मैं  तेरे इश्क़ में  नीलाम हो जाऊं
अगर  तू  कहे   तो   बदनाम  हो जाऊं।


फिर भी  तुम्हें   प्यार  करना   चाहता हूँ
सच कहें  तो मैं बदनाम  होना चाहता हूँ।


-कबीर ऋषि सिद्धार्थी
सम्पर्क सूत्र-9415911010


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...