प्यार का परिणाम* विधा : कविता संजय जैन मुंबई

*प्यार का परिणाम*
विधा : कविता


प्यार को प्यार से देखोगे,  
तो प्यार पाओगे।
दिल में मुरझाए हुए,
फूल भी खिल जाएंगे।
जिस को भीड़ में,
ढूंढ रहे है तेरी निगाहें।
मेरा दावा है कि वो,
तुझे मिल जाएगा।।


निगाहों का निगाहों से, 
जो तुम खेल रहे हो खेल।
वो ही निगाहें अब तेरे, 
दिल को खिलाएंगी।
और लगी है प्यास जो तेरे दिलको,
वो प्यास अब तेरी बुझ जाएगी।
और तेरा जीवन भी,
फूलों की तरह महक उठेगा।।


प्यार करना और निभाना,
बहुत बड़ी बात है।
दिलरुबा को दिल में
सजाये रखना बड़ी बात है।
प्यार करते रहोगे दिल से,
अगर तुम दोनों।
निश्चित ही परिणाम भी,  
 अच्छा आ जायेगा ।।


जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)
23/01/2020


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