शेखर सिंह धनबाद,झारखण्ड

नाम-शेखर सिंह।                         पता-धनबाद,झारखण्ड।               मोबाइल न-8877700600।
पहली रचना 


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इंसान बन जाओ तुम ।



जहाँ बसा हो घोर अंधेरा वही दीप जलाओ तुम,


शैतानो की नगरी में एक इंसान बन जाओ तुम ।


कतरे गए जिन पंक्षियों के पंख,


उन्हें उड़ना सिखाओ तुम,


डूब रही भवर में नैया उसे साहिल पर ले आओ तुम,


जहाँ बसा हो घोर अंधेरा वही दीप जलाओ तुम ।


ज्ञान की पावन धारा को गंगा की तरह बहाओ तुम,


जुल्म और अत्याचार का डटकर मुकाबला करो तुम,


कलयुग में बुद्ध की गाथा गाओ तुम,


फिर पुरषोत्तम बन छा जाओ तुम,


भटक गए जो अपने पथ से उन्हें पथ पर लाओ तुम,


आतंकवाद का अंत बुरा है,बस इतना ही उन्हें समझाओ तुम।


जहाँ बसा हो घोर अंधेरा वही दीप जलाओ तुम,


शैतानो की नगरी में एक इंसान बन जाओ तुम ।



................................................शेखर सिंह



नाम-शेखर सिंह।                         पता-धनबाद,झारखण्ड।               मोबाइल न-8877700600


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इंसान बन जाओ तुम ।



जहाँ बसा हो घोर अंधेरा वही दीप जलाओ तुम,


शैतानो की नगरी में एक इंसान बन जाओ तुम ।


कतरे गए जिन पंक्षियों के पंख,


उन्हें उड़ना सिखाओ तुम,


डूब रही भवर में नैया उसे साहिल पर ले आओ तुम,


जहाँ बसा हो घोर अंधेरा वही दीप जलाओ तुम ।


ज्ञान की पावन धारा को गंगा की तरह बहाओ तुम,


जुल्म और अत्याचार का डटकर मुकाबला करो तुम,


कलयुग में बुद्ध की गाथा गाओ तुम,


फिर पुरषोत्तम बन छा जाओ तुम,


भटक गए जो अपने पथ से उन्हें पथ पर लाओ तुम,


आतंकवाद का अंत बुरा है,बस इतना ही उन्हें समझाओ तुम।


जहाँ बसा हो घोर अंधेरा वही दीप जलाओ तुम,


शैतानो की नगरी में एक इंसान बन जाओ तुम ।



................................................शेखर सिंह


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