सुनीता असीम गीतिका है हसीनों में यहाँ मान बहुत

 


सुनीता असीम


गीतिका


है हसीनों में यहाँ मान बहुत।
प्यार से वो तो हैं अनजान बहुत।
***
जिन्दगी जिनको मुसीबत ही लगे।
मैं कहूँ उनको है आसान बहुत।
***
झूठ में जीते रहे जीवन को।
पर रहें इसके भी नुकसान बहुत।
***
दायरा सच का बढ़ाऊँ कैसे।
मुझको लगता ये न आसान बहुत।
***
गर दिखाएँ वो बड़ा मान हमें।
छोड़ दो उनको हैं धनवान बहुत।
***
सुनीता असीम
२१/१/२०२०


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