आशा जाकड़

पुलवामा के शहीदों उर की वीणा रो रही



 शरीर दिव्य हो गया आवाज मौन हो गई 
वीरता बर्फ में दर्ज ,सदा को अमर हो गई
वतन के शहीदों की सर्वत्र अर्चना हो रही
पुलवामा के शहीदों उर की वीणा रो रही


मौन है प्रकृति मौन पुलवामा की च़ोटियाँ
मौन है ये आस्माँ ,मौन है अब सारा जहाँ
मौन होकर वसुन्धरा भी अश्रुपूरित हो रही
पुलवामा के शहीदों उर की वीणा रो रही ।।


आशा जाकड़


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