डा.नीलम अजमेर

*शिव-ब्याह*


आज नशा भांग का 
कुछ ऐसा चढ़ा
देवाधिदेव महादेव का
विवाह जो है रचा
भूत,प्रेत,पिशाच,किन्नर
बन बाराती साथ चले
भस्म रमाए जिस्म पे
कालन के काल महाकाल पार्वती ब्याहन चले
हवाओं ने साज छेड़े
पातन ने छेड़े सुर हैं
बिजली के पाँव थिरके
लहरों में रवानी आई
देख अनोखी बारात
दक्ष विचलित हुए
द्वार-पूजन खड़ी मात् के भी
नयन अचरज भरे
गलियन में मे शोर मचा
शिवजी पार्वती ब्याहन चले।


    डा.नीलम


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