देवानंद साहा*आनंद अमरपुरी*

शुभप्रभात -


माता-पिता की कृतियों में , अनुपम संतान होते हैं।
उम्र-पूर्व उन्हें मिटाने बाले निकृष्टतम हैवान होते हैं।


-----देवानंद साहा*आनंद अमरपुरी*


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...