कवि शमशेर सिंह जलंधरा "टेंपो" एतिहासिक नगरी हांसी , हिसार , हरियाणा ।

गज़ल


दिल में पल-पल जो समाया जाए ।
फिर खुदा उसको बताया जाए ।।


बस चुका है दिल की धड़कन में जो ,
किस तरह से उसको भुलाया जाए ।


चैन आए साथ से गर तुझको ,
खूब अपनापन जताया जाए ।


जी वो तो है तैयार मरने को ,
खुद को भी तो आजमाया जाए ।


कारगर हो गर दुआ इस दिल की ,
क्यों नहीं फिर सर झुकाया जाए ।


शाम जैसे हो चली , पीने का ,
बस बहाना फिर बनाया जाए ।


कर चुके तोबा नहीं पिएंगे ,
कौन मुंह से कब उठाया जाए ।


*रचित* ---- 08 - 09 - 2009 
मो. 09992318583


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