कुमार🙏🏼कारनिक*  (छाल, रायगढ़, छग)


  मनहरण घनाक्षरी
         *प्रेम*
         
राहों में मिली  नजर,
  दिल हो गया  अधर,
    ये प्यार का है असर,
      दिल    मे   समाइये।


💗🌹


हो रही मन बोझिल,
  दिल   उथल  पुथल,
   हृदय   तल   मचल,
     खुशी   गीत  गाइये।


🌹❤


प्रेम करो शुद्ध मन,
  नाचे है  अंतर मन,
   साक्षी है नीलगगन
      प्रेम     बरसाइये।


💗🌷


मचे दिल में हिलोर,
  जैसे हवा  करे सोर,
   सागर क्षितिज ओर,
     प्यार के हो  जाइये।


            🙏🏼
::::::::::::::::::::::::::::::::


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...