कुमार कारनिक


 *मनहरण घनाक्षरी*
       (मतगणना)
    
इंतजार    हाँ   हो   रहा,
मन    यूं   मचल    रहा,
हर    पल    पल    पल,
         जिया बेकरार है।
0
तुम्हे   कैसे   मैं   बताऊँ,
किस     तरह    सताऊँ,
मेरा  कल   तुम  ही  हो,
           तेरा इंतजार है।
0
इरादा   है   पक्का  मेरा,
जीत का  है  वादा  मेरा,
दिल   को  मनाऊँ  कैसे,
            नित इकरार है।
0
विकास का वादा किया,
आस  सबको ही   दिया,
जब     खुला    मतपेटी,
         जीना दुसवार है।



             🙏🏼
                     ******


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