निधि मद्धेशिया कानपुर कबीर/सरसी छंद माणिक,सीप,संख दे सागर,

निधि मद्धेशिया
कानपुर


कबीर/सरसी छंद


माणिक,सीप,संख दे सागर,
अरु अनगिन उपहार।
माँ लक्ष्मी संग विराजेंगे
विष्णु - विष्णु आधार।


मेरे प्रियवर बस कृष्ण रहे,
देखूँ राधा रास,
मन संग मथि माखन खिलाऊँ,
मिटाऊँ नयन प्यास।



निधि मद्धेशिया
कानपुर


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