निर्मल जैन "नीर"

नया रास्ता....
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मंजिल पाता~
नित नये रास्तों को
जो अपनाता

सुहानी भोर~
रच तू इतिहास
बदला दौर

क्यों घबराना~
नये रास्तों पे ख़ुद
को आजमाना

थकना नही~
नये रास्ते पे तुम
रूकना नही

बढ़ते जाना~
नये ख्वाबों को तुम
गढ़ते जाना

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  💦निर्मल नीर💦


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