पी एस ताल

*मालवी में रचना* 


मु तो उठिग्यो
अखबार पढ़ी न
खटिया पर लेटिग्यो।


दूध वारो आयो
तपेला में दूध 
उड़ेग्यो।


तपेलो किचन में लेग्यो,,
गैस के चूल्हा पर चढायो
चाय पत्ती नाक्यो।


थोड़ी बाद चाय उबारियो,
चाय छलनी में चांयो,
कप में ली पियो,


गण्णी गण्णी 
मीठी लागी ,
पर चाय सुहादी।


फिर बिस्तर गादी
पलँग ती उठादी।


✒पी एस ताल


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