प्रतिभा प्रसाद कुमकुम

(06)       🙏🏻 *प्रतिभा प्रभाती* 🙏🏻
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नित करूं मैं वंदन प्रभु!जी ,
चरण पखारूँ, आठों याम ।
कर्म धर्म पूजा न जानूँ , 
मुझे सिखा दो मेरे राम ।
 रहे शीश पर तेरा हाथ , 
जीवन भर का दे दो साथ ।
नित्य मैं  अभिनंदन गाऊँ , 
तेरे चरण पड़ूँ रघुनाथ ।
माँ- तात को नमन करूँ मै, 
उनको झुकाऊँ  रोज माथ ।
अग्रजों को नमन सदा ही , 
अनुजों को नित्य राम राम ।।



🌹 *प्रतिभा प्रसाद कुमकुम* 🌹
       (सर्वाधिकार सुरक्षित)
        दिनांक  6.2.2020...



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