प्रिया सिंह मिष्ठी लखनऊ

इस देश का हर शहर गुलाबी है 
बचपन का हर पहर गुलाबी है


आंचल माँ का है तो क्या बात
आंचल पर हर दहर गुलाबी है 


बहते नदियों का क्या जिक्र करूँ 
मेरे जमीं का हर नहर गुलाबी है 


संगीत सब के नब्स में शूमार है
यहाँ भाषा में भी बहर गुलाबी है 


हमें शान अपनी जान तिरंगे पर है...
आसमां में ध्वज का फहर गुलाबी है 


 


Priya singh


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