पुष्पा अवस्थी "स्वाति"

💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
 सुप्रभात


लाल चुनरिया ओढ़ के निकली घर से भोर 
पंछी  देने  लगे  बधाई  गूंज  उठा  है  शोर 
कलियों ने आंखें खोलीं तुम भी खोलो द्वार
"स्वाती" ले के आ गई खुशियों की बौछार 


पुष्पा अवस्थी "स्वाति"


💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...