राजेंद्र रायपुरी

सिंह बिलोकित छंद पर एक मुक्तक ----


धन के बल जिनको वोट मिले।
उनके  मन  में  ही  खोट  मिले।
होती   है   उनकी   चाह   यही,
दस  के  बदले  सौ  नोट  मिले।


        ।। राजेंद्र रायपुरी।।


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