सत्यप्रकाश पाण्डेय

बड़भागी हम नाथ मिलों सानिध्य तुम्हारों
परमब्रह्म संग रास रचायें सौभाग्य हमारों
दरस पाय पावन हुई देह धन्य हुईं जगदीश
छूटों जीवन नेह हृदय स्मरण करें तुम्हारों


जग अघ से मुक्त हुईं हम पुण्य उदित हमारे
सुदबुध भूल गईं स्वामी पाकर स्नेह तुम्हारों
पूर्व जन्म के सुकृत कहें या प्रारब्ध श्री कृष्ण
हुओं है श्रीपरम् ज्योति से यहां मिलन हमारों।


श्रीकृष्णाय नमो नमः🌹🌹🌹🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏


सत्यप्रकाश पाण्डेय


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... दयानन्द त्रिपाठी व्याकुल

गीत- दिन से क्या घबराना दिन तो आते जाते हैं....... चुप्पी  के   दिन खुशियों के दिन भीगे सपनों की बूंदों के दिन, आते जाते हैं, दि...