श्याम कुँवर भारती

गजल -  खता करनेवाले 
दे गए दिल मे दाग दिलवार दगा देनेवाले |
ले गए मेरी जान प्रियवर वफा करनेवाले |
दिल ही तो मांगा मैंने कोई खजाना तो नहीं |
दे गए मुझको घाटा अक्सर नफा करने वाले |
फिर भी पुकारता है दिल तड़पकर नाम उनका |
कह गए मुझको पागल परवर खता करनेवाले|
सहता हु हर जुल्मो सितम सनम तेरे इश्क मे |
मुंह फेर गए मुझसे, मुझको खुदा कहनेवाले  |
तड़पाओगे कबतक जानम अबतो रहम करो |
बहा गए आँसू  छुपकर , मुझे जुदा करनेवाले |   
श्याम कुँवर भारती


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