सुनीला गुरुग्राम हरियाणा

मेरी बीटिया
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तितली जैसी चंचल है
जुगनू जैसी उजियारी
मेरे घर में है नन्ही सी एक बेटी प्यारी प्यारी।
सारे घर पे नजर है उसकी
धयान में रखती हरकत सारी
मेरे घर में है नन्ही सी 
एक बेटी प्यार प्यारी।
ऑफिस से जब घर में आँऊ
करती शिकायत सबकी भारी
मेरे घर में है नन्ही सी
एक बेटी प्यारी प्यारी।
उसका खिलता चेहरा देखकर
छू हो जाती थकान सारी
मेरे घर में है नन्ही सी
एक बेटी प्यारी प्यारी।
खिलखिला कर हँसती मुझे बुलाती
उसकी हंसी के आगे फीकी खुशियां सारी।
मेरे घर में है नन्ही सी एक बेटी प्यारी प्यारी।
मेरे घर की है वो रौनक
उससे खुशहाल गृहस्थी हमारी
मेरे घर में है नन्ही सी
एक बेटी प्यारी प्यारी।
जब वो रूठे ऐसा लगता 
रुठ गई है दुनिया सारी
मेरे घर में है नन्ही सी 
एक बेटी प्यारी प्यारी।
मेरे लिए वो खुदा की नेमत
वो ही कायनात हमारी
मेरे घर में है नन्ही सी
एक बेटी प्यारी प्यारी।।
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🌷सुनीला🌷


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